दिल्ली दंगे के छह आरोपितों को मिली जमानत, एक की अर्जी खारिज

दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने चारों आरोपितों को 20-20 हजार रुपये की जमानत राशि और निजी मुचलके पर जमानत दे दी। दयालपुर में हिंसा के दूसरे मामले में भी इस कोर्ट ने शकील को जमानत दी है।

दिल्ली दंगे के छह आरोपितों को मिली जमानत, एक की अर्जी खारिज

दिल्ली दंगे के पांच मामलों में सोमवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने छह आरोपितों को जमानत दे दी। आरोपितों को जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि ट्रायल पूरा होने में वक्त लगेगा। तब तक आराेपितों को सलाखों के पीछे रखने का कोई औचत्य नहीं है। कोर्ट ने एक आरोपित की जमानत खारिज की है।गत वर्ष 25 फरवरी को दयालपुर इलाके में कार के शोरूम में आग लगा दी गई थी। इस मामले में आरोपित शेबू खान, हामिद, शकील और जान मुहम्मद ने जमानत के लिए अर्जी दायर की थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की कोर्ट में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने दलील दी कि आरोपितों को झूठे मामले में फंसाया गया है। मुकदमा देरी से दर्ज करने का कारण भी पुलिस ने स्पष्ट नहीं किया।

वहीं अभियोजन पक्ष ने जमानत अर्जियों का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में जांच जारी है। दंगे की साजिश को उजागर करने के लिए कई आरोपितों की पहचान और गिरफ्तारी बाकी है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने चारों आरोपितों को 20-20 हजार रुपये की जमानत राशि और निजी मुचलके पर जमानत दे दी। दयालपुर में हिंसा के दूसरे मामले में भी इस कोर्ट ने शकील को जमानत दी है।

वहीं, दयालपुर इलाके में लूट, आगजनी और धर्म के आधार पर नफरत फैलाने के दो मामले में इसी कोर्ट ने आरोपित मुहम्मद ताहिर और शाहरुख को जमानत दे दी। कोर्ट ने आदेश में कहा कि दोनों के खिलाफ न सीसीटीवी कैमरे की फुटेज है और न ही सीडीआर लोकेशन। कोर्ट ने कहा कि जिन कांस्टेबलों ने इस मामले में गवाही दी है, वह जांच अधिकारी द्वारा बयान लेने कार्यवाही करने से क्यों रुके रहे यह समझ नहीं आता।

इन गवाहों ने पुलिस कर्मी होते हुए पीसीआर को सूचना नहीं दी, न ही अपने उच्चाधिकारियों के संज्ञान में पूरा मामला डाला। ऐसे में गवाहों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। इसके अलावा खजूरी खास इलाके में दंगे के दौरान उपद्रव और हत्या करने के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की अदालत ने जांच अधिकारी की रिपोर्ट पर आरोपित भारत भूषण की अंतरिम जमानत अर्जी को अस्वीकार कर दिया। आरोपित ने अपनी मां के निधन को आधार बनाते हुए अर्जी लगाई थी। सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि आरोपित की मां की तेरहवीं हो चुकी है। आरोपित के खिलाफ विभिन्न थानों में 16 मुकदमे दर्ज है।