लखनऊ में हर किसी की जुबां पर...गाड़ी वाला आया देखो, कचरा निकाल...थिरक रहे बच्चे

लखनऊ में अब सुबह की नींद कचरा लेने आई गाड़ी में बज रहे गीत से खुलती है। शहर में करीब 210 कूड़ा वाहनों में यह गीत बज रहा है। हर कोई उसे गुनगुनाता नजर आता है तो बच्चे गीत की म्यूजिक के साथ थिरक रहे हैं।

लखनऊ में हर किसी की जुबां पर...गाड़ी वाला आया देखो, कचरा निकाल...थिरक रहे बच्चे

नवाबी शहर लखनऊ में अब सुबह की नींद कचरा लेने आई गाड़ी में बज रहे गीत से खुलती है। गाड़ी वाला आया देखो, कचरा निकाल...। यह गीत हर जुबां में बस सा गया है। हर कोई उसे गुनगुनाता नजर आता है तो बच्चे गीत की म्यूजिक के साथ थिरक रहे हैं। देर तक सोने वाले बच्चे भी जल्द उठ जाते हैं और गाड़ी का इंतजार करते हैं। राजभवन कॉलोनी में रहने वाले एक अधिकारी का बेटा अभी ठीक से बोल नहीं पाता है, अपनी तोतली आवाज से गुनगुनाता रहता है... गाड़ी कचरा निकाल...। शहर में करीब 210 कूड़ा वाहनों में यह गीत बज रहा है।

कुछ दिन और सुनाई देगा यह गीत

देख-देख तुम यहां वहां न फेंक...

फैलेगी बीमारियों से सबका होगा बुरा हाल

तो क्या करें भइया

गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल

सुन बहना, सुन भईया मेरा है यह कहना सब्जी के छिलके में कतरन जो फल में

घर में पड़ी धूल डस्ट

हमको देता भारी कष्ट

पूजन के बाद बची, राख फूल-पाती में

कुछ चीज बीमारी लाती हैं

देख-देख-देख कचरा यूं ना कहीं फेंक

देख मान भी जा बात मेरी देख यूं ना टाल

गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल

कागज के टुकड़े में, ये अपने दुखड़े में

प्लास्टिक बेकार पड़ी, यूं ना पॉलिथीन रखो

घर में डस्टबिन रखो, एक दो तीन रखो

कुछ सूखे, कुछ गीले अलग-अलग कचरे रखो

टूटे कांच कील टीन अपने घर ना खतरे रखो

देख खुद के तन की करना है

खुद को ही देखभाल

नाली में फेंकोगे कचरा तो देखोगे

नाली हो गयी है जाम, बंद हुआ सारा काम

फैली है दुर्गंध, बदबू से नाक बंद

मच्छर भी पनपेंगे, फिर हमको काटेंगे

और फिर मलेरिया घर-घर में बांटेगे

देख आंचल फैलाया हूं मैं... कचरा लाके डाल

गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल

अब सुनाई देगा यह गीत

कचरा लेने आने वाली गाड़ी से अब गायक कैलाश खेर और रवि त्रिपाठी की आवाज में गीत सुनाई देगा। नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी कहते हैं कि गाड़ी वाल कचरा निकाल.. गीत को कहीं से लिया गया था। अब नगर निगम ने ग्रीन लखनऊ गीत को बनवाया है, जिसे आवाज दी है, कैलाश खेर और रवि त्रिपाठी ने।

प्यारा लखनऊ

हमारा लखनऊ

क्लीन लखनऊ

ग्रीन लखनऊ