6th JPSC News: हाईकोर्ट ने छठी जेपीएससी के अंतिम परिणाम किए रद, 8 सप्ताह में रिवाइज रिजल्ट जारी करने का निर्देश
6th JPSC Latest News छठी जेपीएससी के मामले में झारखंड हाईकोर्ट से जेपीएससी को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने सोमवार को इस मामले में फैसला सुनाते हुए जेपीएससी को 8 सप्ताह में रिवाइज रिजल्ट जारी करने का निर्देश जारी किया है।
छठी जेपीएससी के मामले में झारखंड हाईकोर्ट से जेपीएससी को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने सोमवार को इस मामले में फैसला सुनाते हुए जेपीएससी को 8 सप्ताह में रिवाइज रिजल्ट जारी करने का निर्देश जारी किया है। इस दौरान अदालत ने माना कि क्वालीफाइंग मार्क्स को कुल प्राप्तांक में जोड़ा जाना गलत है। इसलिए अदालत ने जेपीसी के अंतिम परिणाम को रद्द कर दिया। झारखंड हाईकोर्ट ने छठी जेपीएससी मामले कड़ा रुख अख्तियार किया है अदालत ने कहा कि राज्य सरकार को इस मामले में संज्ञान लेते हुए जेपीएससी की ओर से जारी अंतिम परिणाम में गलती करने वाले अधिकारियों के खिलाफ जांच करते हुए कार्रवाई करना चाहिए।
गौरतलब है कि छठी जेपीएससी के अंतिम परिणाम को निरस्त करने की मांग वाली याचिकाओं पर सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। इस मामले में जस्टिस एसके द्विवेदी की एकलपीठ ने सभी पक्षों की सुनवाई पूरी करने के बाद शनिवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि इस संबंध में झारखंड हाई कोर्ट में दिलीप कुमार सिंह सहित कई अन्य याचिकाएं दाखिल की गई थी। इनमें छठी जेपीएससी के अंतिम परिणाम को गलत बताते हुए उसे निरस्त करने की मांग की गई थी।
इससे पहले सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से दलील दी गई थी कि छठी जेपीएससी परीक्षा के पेपर वन (हिंदी-अंग्रेजी) के क्वालिफाइंग अंक को कुल प्राप्तांक में जोड़ दिया है, जबकि विज्ञापन की शर्तों के अनुसार अभ्यर्थियों को पेपर वन में सिर्फ क्वालिफाइंग अंक लाना था और इसे कुल प्राप्तांक में नहीं जोड़ा जाना था। क्वालिफाइंग अंक को कुल प्राप्तांक में जोड़ने की वजह से अधिक अंक प्राप्त करने वाले कई अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो सका है। इसलिए अंतिम परिणाम को रद किया जाए। जिसे अदालत ने सही करार देते हुए फैसला सुनाया।
इस मामले में अदालत ने फरवरी माह में अपना फैसला सुरक्षित रखा था बता दें कि पिछले साल जेपीएससी की अनुशंसा पर कुल 329 पदों पर नियुक्ति कर दी गई थी अब उन पदाधिकारियों की नौकरी खतरे में पड़ गई है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि जेपीएससी दोबारा रिजल्ट जारी करें जिसमें पेपर वन (हिंदी व अंग्रेजी) क्वालीफाइंग मार्क्स को ना जोड़ा जाए। वहीं, पांच अन्य पेपर में न्यूनतम अंक पाने वाले को ही पास घोषित किया जाय।