झारखंड के 892 सरकारी भवन सौर ऊर्जा से हो रहे रोशन, हेमंत सरकार में बढ़ रहा सोलर उत्पादन
झाररखंड की हेमंत सरकार सौर ऊर्जा योजनाओं को मुकाम दे रही है। राज्य के सुदूर गांव भी सोलर लाइट से जगमग होंगे। निजी घरों में छतों पर सोलर पावर प्लांट स्थापित करने में लोग काफी रुचि दिखा रहे हैं।
पर्यावरण के लिए अनुकूल सौर ऊर्जा को झारखंड में तेजी से अपनाया जा रहा है। इससे जुड़ी योजनाओं को राज्य सरकार प्राथमिकता के स्तर पर पूरा करने में जुटी है। इस मुहिम में सबसे ज्यादा फोकस सरकारी भवनों की छतों पर सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना है। 1400 सरकारी भवनों में 892 भवन पूरी तरह सौर ऊर्जा से ऊर्जान्वित हो चुके हैं। इन योजनाओं के बल पर झारखंड सौर उर्जा उत्पादन के मामले में 15वें पायदान पर आ चुका है।
अब फोकस उन गांवों को कवर करने पर है, जहां विपरीत भौगोलिक परिस्थिति है। सघन वन क्षेत्रों और पहाड़ों के बीच बसे लगभग 300 गांवों में सौर ऊर्जा के जरिए बिजली की आपूर्ति होगी। यहां सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएगी। इसकी स्वीकृति मिल चुकी है। सुदूर गांवों में आफग्रिड बैटरी पैनल का उपयोग होगा। सौर ऊर्जा का इस्तेमाल जहां पर्यावरण के अनुकूल है, वहीं इसका खर्च भी ताप विद्युत प्रतिष्ठानों से आपूर्ति की जाने वाली बिजली से कम है।
प्रोत्साहित कर रहा ज्रेडा
ज्रेडा के जरिए सौर ऊर्जा योजनाओं को धरातल पर उतारने की मुहिम चल रही है। ज्रेडा के निदेशक केके वर्मा सौर ऊर्जा प्लांट के ढेर सारे फायदे गिनाते हैं। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के भवन में सोलर पावर प्लांट लगा तो वहां का बिजली बिल 40 फीसद कम हो गया। निजी घरों में छतों पर सोलर पावर प्लांट स्थापित करने में लोग काफी रुचि दिखा रहे हैं। क्षमता के आधार पर कोई भी तीन किलोवाट से कम या ज्यादा खपत के अनुसार पावर प्लांट स्थापित कर सकता है।
इसपर करीब एक लाख की लागत आती है, जिसमें राज्य सरकार 30 फीसद की सब्सिडी प्रदान करती है। उपभोक्ता को इसमें 30 प्रतिशत राशि लगानी पड़ती है और बाकी राशि केंद्र सरकार प्रदान करती है। इसके लिए ऋण का भी प्रविधान है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत भी सौर ऊर्जा उत्पादन करने पर जोर दिया जा रहा है। आमलोग अथवा किसान, बंजर जमीन पर भी सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित कर सकते हैं। उपयोग के बाद बची बिजली वे सरकार को बेच सकते हैं। झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग इसके लिए दर तय कर रहा है। इससे न सिर्फ लोग आमदनी कमा सकेंगे, बल्कि प्रचलन बढऩे से पर्यावरण का भी संरक्षण हो सकेगा।
सोलर पंपसेट का भी वितरण
राज्य सरकार किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सोलर वाटर पंपसेट को प्रोत्साहित कर रही है। इसमें सबसे ज्यादा 62 फीसद सब्सिडी दी जा रही है। लगभग दो हजार पंपसेट वितरित किए जा चुके हैं। इस वर्ष पूरे राज्य में 10 हजार से अधिक सोलर वाटर पंपसेट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।