चार साल बाद पेरिस समझौते में वापस आया अमेरिका, ट्रंप ने 2018 में खुद को किया था अलग
अमेरिका चार साल बर्बाद करने के बाद एक बार फिर पेरिस समझौते में वापस आ गया है। 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की अगुआई में हुए इस अंतरराष्ट्रीय समझौते से उनके उत्तराधिकारी डोनाल्ड ट्रंप 2018 में पूरी तरह से अलग हो गए थे।
चार महत्वपूर्ण साल बर्बाद करने के बाद अमेरिका फिर से पर्यावरण को बचाने की मुहिम में शामिल हो गया है। मानवता को बचाने के लिए यह जरूरी है। यह बात पर्यावरण मामलों के लिए नियुक्त अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन केरी ने कही है। जो बाइडन ने राष्ट्रपति बनते ही यह फैसला किया कि अमेरिका फिर से पर्यावरण सुधार के लिए हुए पेरिस समझौते से जुड़ेगा। 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की अगुआई में हुए इस अंतरराष्ट्रीय समझौते से उनके उत्तराधिकारी डोनाल्ड ट्रंप 2018 में पूरी तरह से अलग हो गए थे।
वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम के अंतर्गत मौसम में हो रहे बदलावों पर आयोजित चर्चा में केरी ने कहा, हमें अफसोस है कि हम पर्यावरण को बचाने की कोशिश से चार साल तक दूर रहे। लेकिन अब अमेरिका बड़ी उम्मीद लेकर इस समझौते में फिर से शामिल हो रहा है। वह नवंबर में ग्लासगो में होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेगा और पर्यावरण सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी लेगा।
चर्चा में ग्लोसगो में आयोजित होने वाले सम्मेलन के मुख्य आयोजनकर्ता और ब्रिटिश सरकार में मंत्री आलोक शर्मा ने कहा, हमें धरती को बचाने के लिए प्रदूषण से लड़ाई लड़नी होगी। ऐसा हमें मानवता, प्रकृति और जैव विविधिता की रक्षा के लिए करना होगा। लेकिन यह सब सरकारी धन से ही संभव नहीं होगा बल्कि निजी क्षेत्र को भी सहयोग के लिए आगे आना होगा। केरी ने आश्वस्त किया कि राष्ट्रपति बाइडन इस लड़ाई के लिए तैयार हैं।
अनुमान के अनुसार 2016 के बाद 2020 सबसे गर्म वर्ष रहा। ऐसा कोविड महामारी के चलते दुनिया भर में लॉकडाउन लगने के बावजूद हुआ। इसलिए अब समय गंवाना घातक साबित होगा।